Menu
blogid : 20465 postid : 1110697

टूटा ख्वाब, क्या करें नवाज

एक सोंच
एक सोंच
  • 51 Posts
  • 19 Comments

पाकिस्तान नाम तो सुना होगा. अपनी हरकत की वजह से तो विश्व में काफी नाम कमा चुका है. वैसे पाकिस्तान का मतलब देखा जाए तो होता है, ‘पाक+स्थान’  जिसमें पाक का मतलब साफ और स्थान जगह. लेकिन ये तो कुछ अलग ही है. कहते है नाम का काफी असर होता है. लेकिन यहां तो पूरा उल्टा है.

पाक-साफ रहने की जगह ये तो भारत को साफ करने के चक्कर में पड़ा है. दुनिया में अपनी साख तो पहले ही गिरा ही चुका है. अब भारत विरोधी एजेंडे को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ खिलावन बनने अमेरिका पहुंचे थे.

अरे शरीफ जी नाम का असर शायद आप पर भी नही हो रहा. बंटवारे के बाद भारत को अपना दुश्मन समझने वाले पाकिस्तान की नादानी पर विश्व हंसता है. आखिर भारत ने ऐसा क्या किया है ?  हमेशा कश्मीर का राग गाते रहते हो. पूरा पाकिस्तान तो आप से संभलता नही है. और उछल कूद मचा रहे हो.

अशांत बलूचिस्तान को देखो पहले. पाक के विरोध में नारे लगते है. शरीफ जी लोग चाहते हैं कि पड़ोसी उसके अच्छे होने चाहिए. आप को तो पड़ोसी नही भारत ने छोटे भाई का दर्जा दिया है. एक हिसाब से आप हो भी छोटे भाई की तरह.  जब घर परिवार का मसला कोई होता है तो उसे घर पर निपटाना चाहिए. किसी के सामने रोना रोने से कुछ नही होता.

दुनिया के सामने मजाक का पात्र ही बनते हो.  अब खुद ही देख हो अमेरिका के दौरे पर भारत की शिकायते लेकर आप गए थे. नतीजा क्या मिला ? आप की सारी बातों को नकार दिया गया. कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका की दखलन्दाजी मांगी जिसे शिरे से ओबामा ने नकार दिया. उन्होने साफ कह दिया कि जब तक भारत नही कहेगा अमेरिका इस मामले से दूर रहेगा.

ऊपर से आतंकवाद को लेकर आप को नसीहत भी दी गई. आंतकवाद पर कार्रवाई करने को कहा. जिसे आप ने भी आश्वासन दिया कि इसके खिलाफ कार्रवाई करेगें. जिसे लेकर लश्कर ए तैयबा से भी खरी खोटी आप ने सुनी. ये सब देखकर लगता है आप का हाल तो आगे कुंआ पीछे खांई जैसा है. हो भी क्यों न?   जब बबूल का पेड़ लगाओगे तो आम कहां से होगा.

बेइज्जती की हद तब हो गई जब अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने आप को नवाज कहकर सम्बोधित किया. साथ ही इस वार्ता के दौरान गुस्से में एक घूंसा टेबल पर मारा. पाक की हकीकत तो किसी से छिपी नही है.

बेइजज्ती का दौर अभी खत्म नही हुआ था. 23 अक्टूबर शुक्रवार को वाशिंगटन के एक कार्यक्रम में जब आप बोलने पहुंचे, तो एक श्रोता ने ‘बलूचिस्तान को आजाद करो और युद्ध अपराध बंद करो’ के नारे लगाकर वहां भी आप की बोलती बंद कर दी।

यह पूरा वाक्या वाशिंगटन के थिंकटैंक यूएस इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के कार्यक्रम में पेश आया। यहां तक उसने आप को अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का दोस्त कहा। उसने हाथ में बलूचिस्तान को आजाद करो का पोस्टर भी ले रखा था। हंगामे के बाद उस शख्स को सुरक्षाकर्मी सभा से बाहर ले गए।

यहां तक कि आप ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, विदेश मंत्री जॉन केरी से भेंट के दौरान  कश्मीर मुद्दे, सीमा पर गोलीबारी के साथ बलूचिस्तान में भारत की एजेंसियों की दखलंदाजी का आरोप लगाया था, लेकिन अमेरिकी अधिकारियों की ओर से इसे कोई तवज्जो नहीं दी

आप ने बलूचिस्तान में दखलंदाजी को लेकर कुछ दस्तावजे भी सौंपे थे, लेकिन अमेरिका ने इसकी पुष्टि तक करने से भी इनकार कर दिया.

किसी के बर्गालाये में आकर खुद अपने देश का नुकसान कर रहे हो. हर तरफ से भारत के खिलाफ आप को निराशा हाथ लगी है. और हमेशा लगेगी.

पाक ने तो विश्व में अपना दर्जा तो आतंकवाद को बढ़ावा देने में लगा रखा है. ये चुगली और उंगली करना छोड़ो. एक अच्छे पड़ोसी की तरह पेश आओ. वहां की आवाम को भी फायदा होगा. जब भारत से रिश्ते अच्छे होगें तो आप को और देश भी तवज्जो देना शुरू कर देगें. एक बार सब से कह दो कि आंतकवाद से लड़ने के लिए साथ देने को तो देखों आप के साथ कितने देश खड़े हो जाएगें.

कहते हैं समाज में रहने के लिए समाज के तौर तरीके सीखने होते हैं. वैसे ही पाकिस्तान को आगे बढ़ाने के लिए सभी देशों के साथ की जरूरत है. आप तो केवल एक देश पर आश्रित हैं. जो कि अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहा है.

अब इतने भी नादान नही है कि अच्छा बुरा न सोच सकें. हमें आपस में लड़ाकर मजा कोई दूसरा उठाता है. खैर छोड़ो आप अमेरिका किसी के दबाव में तो नही चले गए थे. बात कुछ भी हो इतनी बेइज्जती शायद ही किसी पाक पीएम की हुई होगी. आप तो चल दिए थे शिकायतों का अंबार लेकर खिलावन बनने, नतीजा शून्य निकला.

रवि श्रीवास्तव,

स्वतंत्र पत्रकार, लेखक, व्यंगकार, कहानीकार

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh